रक्त एवं लौह की नीति का अवलम्बन बिस्मार्क ने किया था | बिस्मार्क का जन्म शून हौसेन में 1 अप्रैल 1815 को हुआ। गाटिंजेन तथा बर्लिन में कानून का अध्ययन किया। बाद में कुछ समय के लिए नागरिक तथा सैनिक सेवा में नियुक्त हुआ। 1847 ई. में वह प्रशा की विधान सभा का सदस्य बना। 1848-49 की क्रांति के समय उसने राजा के "दिव्य अधिकार" का जोरों से समर्थन किया। सन् 1851 में वह फ्रैंकफर्ट की संघीय सभा में प्रशा का प्रतिनिधि बनाकर भेजा गया।