सन 1900-1901 दौरान कार्ल लैंडस्टीनर ने इंसानी खून के एबीओ रक्त समूह और रक्त में मिलने वाले एक अहम तत्व आरएच फैक्टर की खोज की। RBC और A और B पर एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर, रक्त समूहन किया जाता है।
पुराने समय में ऐसा माना जाता था कि मनुष्य में दो तरह का रक्त होता है एक अच्छा और एक बुरा। कार्ल लैंडस्टीनर ने प्रमाणित किया कि सभी मनुष्यों का खून एक तरह का ही होता है और अपनी दुर्लभ खोज के द्वारा यह पता लगाया था कि किसी एक व्यक्ति का खून दूसरे को नहीं चढ़ाया जा सकता। हरेक व्यक्ति के खून का ग्रुप एक खास किस्म का होता है। दो व्यक्तियों के विभिन्न ब्लड ग्रुप संपर्क में आने के साथ रक्त अणुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
इसीलिए आज एबी ब्लड ग्रुप वाला व्यक्ति दूसरे ब्लड ग्रुप प्राप्त कर सकता है ओर ओ ग्रुप वाला दूसरे ब्लड ग्रुप वालों को रक्तदान कर सकता है। इनकी तरफ से की गई इस महान खोज के कारण ही आज दुनिया भर में मरीजों की ¨जदगी को खतरे में डाले बिना ब्लॅड ट्रांसफ्यूजन का काम चल रहा है। सन 1930 में इस महान विज्ञानी को शरीर क्रिया विज्ञान और मेडिसन के क्षेत्र में की गई महान खोजों के लिए प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार भी मिला। इनको ट्रांसफ्यूजन मेडिसन के पितामह भी कहा जाता है।