आग की खोज मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता की पूर्ति करती है। वह भोजन पकाने के काम आती है। अतः आदि मनुष्य ने इसे सबसे महत्त्वपूर्ण खोज माना। आज भी इसका महत्त्व सर्वोपरि है। तभी तो हर सांस्कृतिक कार्यक्रम से पहले दीया जलाया जाता है और खेलों में मशाल जलाई जाती है। आज यदि आग न हो तो पूरी सभ्यता ताश के महल की भाँति भरभरा कर गिर जाएगी। आग की खोज के पीछे भोजन की प्रेरणा तो रही ही होगी; साथ ही प्रकाश और गर्मी पाने की प्रेरणा भी रही होगी। रात में आग बहुत काम आई होगी। सर्दियों में तो यह अमृत-जैसी सिद्ध हुई होगी। घनघोर ठंडी काली रात में जब आदिमानव आग से गर्मी लेता होगा, काली रात में देख पाया होगा और मांस को भूनकर खा पाया होगा तो उसे कितना आनंद मिला होगा। अतः उसने अग्नि को देवता माना होगा और उसे सुरक्षित रखने के उपाय खोजे होंगे।