मुगल बादशाह जहांगीर ने ईस्ट इंडिया कंपनी को सूरत में कारखाना खोलने की अनुमति दी थी। ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसंबर 1600 को हुई थी। इसे जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी ने कंपनी को भारत के साथ व्यापार करने के लिए 21 साल तक की छूट दी थी। बाद में कंपनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर सैनिक और प्रशासनिक अधिकार जमा लिया था। साल 1608 में कंपनी का पहला व्यापारिक जहाज सूरत पहुंचा। हालांकि, पुर्तगालियों के विरोध के कारण कंपनी को शुरुआत में भारत के साथ व्यापार करने में मुश्किलें आईं। आखिर, जहांगीर की इजाजत से कंपनी ने सूरत में कारखाना खोला। कंपनी ने 1640 में सूरत के पश्चिमी तट के बंदरगाह पर व्यापारिक पोस्ट स्थापित की। इसके बाद चेन्नई और कोलकाता में भी कारखाना खोला।