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Bhar tatha dravyaman me anter

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किसी पदार्थ का भार उस पर लगे हुए गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है जबकि किसी पदार्थ का द्रव्यमान उस पदार्थ में उस्पस्थित द्रव्य की मात्रा होती है।

किसी पदार्थ का भार स्थान परिवर्तन के साथ बदल जाता है। पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार चन्द्रमा पर उसी वस्तु के भार से अलग होता है। वहीँ किसी वस्तु का द्रव्यमान हर जगह एक समान रहता है।

किसी वस्तु का भार शून्य हो सकता है यदि उस पर लगा गुरुत्व बल शून्य हो जाए। ऐसी घटना अंतरिक्ष में होती है जहाँ गुरुत्वाकर्षण शून्य होता है और भारहीनता की स्थिति आती है। किसी वस्तु का द्रव्यमान किसी भी परिस्थिति में शून्य नहीं हो सकता।

भार सदिश राशि होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें परिमाण के साथ साथ इसकी दिशा पृथ्वी के गुरुत्व केंद्र की तरफ होती है जबकि द्रव्यमान एक अदिश राशि होती है।

भार को कमानीदार तुला द्वारा मापा जा सकता है किन्तु द्रव्यमान को किसी सामान्य तुला से भी मापा जा सकता है।

भार का SI मात्रक न्यूटन होता है जबकि द्रव्यमान का SI मात्रक किलोग्राम होता है

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