सल्फ्यूरिक अम्ल का रासायनिक सूत्र H2SO4 होता है , इसका मोलर द्रव्यमान 98.079 ग्राम/मोल होता है। रसायन विज्ञान में इसके अत्यधिक उपयोग के कारण इसे अम्लों का राजा भी कहते है।
सल्फ्यूरिक अम्ल के भौतिक गुण
- यह एक उच्च और द्विध्रुवीय अम्ल होता है।
- जब सल्फ्यूरिक अम्ल शुद्ध अवस्था में होता है तो यह रंगहीन द्रव के रूप में पाया जता है।
- सल्फ्यूरिक अम्ल को गंधक का तेज़ाब भी कहते है।
- जब यह अशुद्ध अवस्था में होता है तो हल्का पीले रंग का द्रव के रूप में पाया जता है।
- इसका घनत्व लगभग 1.84 ग्राम/मिली होता है।
- इसका क्वथनांक बिंदु 337 °C होता है और इसका गलनांक बिंदु 10 °C होता है।
- सल्फ्यूरिक अम्ल जल में घुलकर अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा मुक्त करता है।
- यह उच्च श्यानता वाला द्रव होता है।
सल्फ्युरिक अम्ल के रासायनिक गुण
- सल्फ्युरिक अम्ल जल के साथ क्रिया करके अनेक हाइड्रेट बनाता है। जिसमे सल्फ्युरिक मोनोहाइड्रेट अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होता है। अपने इस गुण के कारण सांद्र सल्फ्युरिक अम्ल उत्तम शुष्ककारक होता है। यह वायु से जल का अवशोषण करने के साथ कार्बनिक पदार्थों से भी जल का अवशोषण करता है। अतः जल के अवशोषण में अत्यधिक ऊष्मा का क्षेपण होता है। जिसकी वजह से अम्ल का विलयन बहुत गर्म हो जाता है।
- सांद्र सल्फ्युरिक अम्ल प्रबल ऑक्सीकारक होता है। H2SO4 में से ऑक्सीजन परमाणु के निकल जाने पर यह सल्फ्यूरस अम्ल बनता है। जिससे गन्धक द्विजारकिक निकलता है। अनेक धातुओं पर सल्फ्युरिक अम्ल की क्रिया कराने से गन्धक द्विजारकिक प्राप्त होता है।
- सल्फ्युरिक अम्ल का जलीय विलयन में आयनीकरण होता है। जिससे विलयन में हाइड्रोजन धनायन, बाइसल्फ़ेट तथा सल्फ़ेट ऋणायन बनते हैं। अतः रासायनिक विश्लेषण की सामान्य पद्धतियों से सल्फ्युरिक अम्ल में सल्फर, ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन परमाणु की उपस्थिति दर्ज की जाती है।
- 100% शुद्ध गन्धकाम्ल का घनत्व 15° सेल्सियस पर 1.8384 ग्राम प्रति मिलीलीटर होता है। गन्धकाम्ल को गर्म करने पर उससे सल्फर ट्राइऑक्साइड की गैस निकलने लगती है। H2SO4 का 290° सेल्सियस से क्वथन शुरू होता है और यह तब तक होता है जब तक तापमान 317° सेल्सियस नहीं पहुँच जाता। इस ताप पर गन्धकाम्ल 98.54 % रह जाता है। उच्च ताप पर गन्धकाम्ल का विघटन शुरु हो जाता है और जैसे जैसे तापमान बढ़ाया जाता है विघटन बढ़ता जाता है।
- सांद्र सल्फ्युरिक अम्ल जल के साथ क्रिया करके गन्धकाम्ल का मोनोहाइड्रेट, डाइहाइड्रेट, टेट्राहाइड्रेट बनता है जिसका गलनांक क्रमशः 8.47° सेल्सियस, – 39.46° सेल्सियस, गलनांक – 28.25° सेल्सियस होता है। प्रति ग्राम सांद्र H2SO4 व जल क्रिया से 205 कैलोरी उष्मा का उत्पादन होता है।
सल्फ्यूरिक अम्ल के उपयोग
- इसका उपयोग उर्वरक के रूप में भी किया जाता है , इससे अमोनिया सल्फेट , चुन के सुपर फास्फेट आदि उर्वरको का निर्माण किया जता है।
- यह अम्ल कार्बनिक यौगिको के निर्माण के साथ साथ नाइट्रोसेलुलोज उत्पादों को भी बनाने में भी सहायक होता है।
- सल्फ्यूरिक अम्ल से कई प्रकार के रसायन जैसे नाइट्रिक अम्ल , फोस्फोरिक अम्ल आदि को बनाया जाता है।
- यह एक महत्वपूर्ण प्रयोगशाला अभिकर्मक है।
- इसका उपयोग सीसा संचायक सेलों में भी किया जाता है।
- सान्द्र नाइट्रिक अम्ल (HNO3) और सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के मिश्रण को विस्फोटक के रूप में किया जाता है जैसे T.N.T. डायनामाइड के निर्माण में आदि।