सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software):
यह एक या एक से अधिक प्रोग्राम का समूह होता है . इस Software के द्वारा कम्प्यूटर उसके हार्डवेयर को नियंत्रित किया जाता है।
इनके द्वारा इम्नलिखित कार्य किये जाते हैं।
- वह यूजर और हार्डवेयर के बीच Interface का निर्माण करते है।
- यह Application Software को Execute करने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करते हैं।
- नये हार्डवेयर का प्रयोग करने के लिए सहयोग प्रदान करते हैं।
- यह कम्प्यूटर का मेंटेनेंस का कार्य किया है।
- यह कम्प्यूटर को नियंत्रित करता है।
कुछ महत्वपूर्ण सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software):
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): प्रत्येक कम्प्यूटर में ऑपरेटिंग की आवश्यकता होती है. बिना इसके कम्प्यूटर का प्रयोग नही किया जा सकता है। यह यूजर एवं कम्प्यूटर के बीच Interface का निर्माण करता है।
भाषा अनुवाद (Language translator): ये ऐसे प्रोग्राम है जो विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषओं में लिखे गये प्रोग्रामों का अनुवाद कम्प्यूटर की मशीनी भाषा में करते हैं। यह अनुवाद करना इसलिए आवश्यक होता है क्योंकि कंप्यूटर केवल अपनी मशीनी भाषा में लिखे हुये प्रोग्राम का पालन कर सकता है।
भाषा अनुवादकों को मुख्यतः तीन श्रेणियों में बाँटा जाता है।
- असेम्बलर
- कम्पाइलर
- इन्टरप्रेटर
इनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है।
1. |
असेम्बलर: यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है. असेम्बली भाषा में लिखे गये किसी प्रोग्राम को पढता है और उसका अनुवाद मशीनी भाषा में कर डेटा है। असेम्बली भाषा के प्रोग्राम को सोर्स ऑब्जेक्ट प्रोग्राम कहा जाता है। इसका मशीनी भाषा में प्रोग्राम करने के बाद जो प्रोग्राम प्राप्त होता है. उसे ऑब्जेक्ट प्रोग्राम कहा जाता है। |
2. |
कम्पाइलर: यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है। जो किसी प्रोग्राम द्वारा उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गये सोर्स प्रोग्राम का मशीनी भाषा में अनुवाद करता है | |
3. |
इंटरप्रेटर: यह भी किसी प्रोग्राम द्वारा उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गये सोर्स प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है। मुख्यतः कम्पाइलर और इंटरप्रेटर का कार्य समान होता है। अंतर केवल यह है कि कम्पाइलर जहाँ ऑब्जेक्ट प्रोग्राम बनाती है। |