एकांकी के जनक रामकुमार वर्मा माने जाते है। हिंदी साहित्य का प्रथम एकांकी 1929 में प्रसाद कृत 'एक घूंट' को माना जाता है। राम कुमार वर्मा आज के एकांकी के जन्मदाता हैं।
हिंदी की लघु नाट्य परंपरा को एक नया मोड़ देने वाले डॉ. रामकुमार वर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘एकांकी सम्राट्’ के रूप में समादृत हैं। उन्होंने हिंदी नाटक को एक नया संरचनात्मक आदर्श सौंपा। नाट्य कला के विकास की संभावनाओं के नए पाट खोलते हुए नाट्य साहित्य को जन जीवन के निकट पहुँचा दिया।
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