हथौड़ा
यह वर्कशॉप (workshop) का सबसे अधिक काम में आने वाला हस्त औजार है। कील ठोकने के लिए, रिवेट को फोर्ज करने के लिए, टाइट-फिट पार्टों निकालने व फिट करने के लिए, किसी तार या शीट; जैसे- टेढे़-मेढे़ पार्ट को सीधा करने के लिए, छेनी (chisel) के द्वारा धातु को काटकर अलग करने आदि कार्य में हथौड़ा (hammer) का प्रयोग किया जाता है।
हथौड़ा के द्वारा फोर्जिंग, बैण्डिंग, चिपिंग, रिवेटिंग आदि क्रियाओं में भी किया जाता है। इसको प्रयोग करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि हैण्डिल (handle) ठीक प्रकार से फिट है अथवा नहीं। हैण्डिल ढीला होने या फटा होने से दुर्घटना (accident) हो सकती है। कार्य के अनुसार उचित भार का हथौड़ा चुनना चाहिए।
हथौड़े (हैमर) का मैटीरियल
कार्य की उपयोगिता के अनुसार, हथौड़ा (hammer) भिन्न-भिन्न पदार्थ से बनाए जाते हैं। वह हथौड़ा, जो फिटिंग तथा मशीन शॉप में प्रयोग किया जाता है, कास्ट स्टील या कार्बन स्टील को फोर्ज करके बनाया जाता है। तथा बाद में फेस तथा पीन को हार्ड व टैम्पर किया जाता है। इसी प्रकार धातु चादर कार्य में प्रयोग होने वाले हथौड़ा लकडी़, रबर, प्लास्टिक आदि से बनाया जाता है।
हथौड़े (हैमर) के मुख्य भाग
(1.)हैण्डिल
हैमर को हैण्डिल द्वारा पकड़कर ही विभिन्न संक्रियाएँ की जाती हैं। लकड़ी (wood) एक कुचालक पदार्थ है, इसी बात को ध्यान में रखकर अधिकांश हैमर के हैण्डिलों को लकड़ी का ही बनाया जाता है।
(2.)आई होल
हैमर के शीर्ष भाग में हैण्डिल लगाने के लिए एक अण्डाकार छिद्र (ellipse hole) बनाया जाता है, जिसे आई होल या नेत्र छिद्र कहा जाता है। इस छिद्र में हैण्डिल को फिट करने के लिए कभी-कभी वैज (wedge) का प्रयोग किया जाता है, जिससे कि हथौड़ा हैण्डिल से बाहर न निकले।
(3.)फलक
यह हथौड़ा का एकमात्र ऐसा भाग (part) है, जो आकार में चपटा होता है तथा इसके द्वारा ही किसी रिवेट या धातु चादर आदि पर चोट मारी जाती है।
(4.)पीन
फलक के ठीक विपरीत दिशा में ऊपर की ओर शीर्ष भाग में पीन होता है। ये विभिन्न प्रकार के होते हैं,- बॉल पीन, क्रॉस पीन व स्ट्रेट पीन आदि।
(5.)चीक
यह हैमर के शीर्ष में उपस्थित एक सबसे मुलायम भाग (soft part) है, जो शीर्ष में दोनों तरफ होता है। यह पीन तथा फलक के बीच का भाग होता है।