कमी और अभाव- इन दोनों शब्दों का प्रयोग हम हिन्दीभाषा के अंतर्गत करते हैं। दोनों शब्दों के लिए समानार्थी शब्द बहुत हद एक जैसे लगते हैं। फिर भी इन दोनों शब्दों में जो अंतर हैं, वे निम्नलिखित हैं -
- कमी शब्द की जहाँ बात की जाये तो यह शब्द फारसी भाषा से हिंदी भाषा में आया और संज्ञा तथा स्त्रीलिंग शब्द है। वहीं अभाव तत्सम शब्द है, संज्ञा और पुल्लिंग शब्द है।
- 'कमी' शब्द 'कम' में 'ई' प्रत्यय लगाकर बना है जिसका अर्थ अल्पता से है तो अभाव, भाव शब्द में 'अ' उपसर्ग लगाकर बना है, जिसका अर्थ अविद्यमानता से है।
- दोनों शब्दों से बने एक- एक उदाहरण से इस शब्द के अंतर को समझते हैं -
कमी -
हर कविता मुकम्मल होती है
लेकिन वह क़लम से काग़ज़ पर जब आती है
थोड़ी सी कमी रह जाती है - निदा फ़ाज़ली
यहाँ कविता को जब लिखा गया तो रचनाकार ने महसूस किया कि कुछ रह गया है और लिखने को। उसके मन के भाव काग़ज़ों पर उभर कर पूरी तरह नहीं आ पाये।
अभाव-
रेशमी कलम से भाग्य-लेख लिखनेवालों, तुम भी अभाव से कभी ग्रस्त हो रोये हो?
बीमार किसी बच्चे की दवा जुटाने में, तुम भी क्या घर भर पेट बांधकर सोये हो? - रामधारी सिंह दिनकर
यहाँ पर रचनाकार ने स्पष्ट कर दिया कि वहाँ भाग्य लिखने वालों तथाकथित लोगों ने गरीबों की किस्मत में कई चीजें लिखीं ही नहीं। अत: उनकी पीड़ा को सवाल बनाकर वह पूछते हैं।
- दोनों उदाहरण ये स्पष्ट करते हैं कि जहाँ किसी चीज़ की पूर्णता नहीं हो पा रही-वह है कमी और किसी वस्तु के पास न होने को अभाव कहते हैं।
- कमी से सीधा तात्पर्य है कि किसी चीज़ के पूरा होने में कुछ शेष रह जाना और अभाव से तात्पर्य है -किसी वस्तु का न होना।
- कमी हमेशा खल जाती है और अभाव को हम पूरा करने का प्रयास करते है, उसमें सफल भी हो सकते हैं।
- सौ रुपए में नब्बे रुपए पास हों तो सौ पूरा होने में दस की कमी है, और राजमहल की बात हो तो कहते हैं कि वहाँ किसी चीज़ का अभाव नहीं होगा।
- अब इसके समानार्थी शब्दों की बात करें तो कमी अर्थात कम होना, अल्पता, न्यूनता, अपर्याप्तता. तंगी आदि और अभाव अर्थात 'किसी वस्तु का न होना, अनस्तित्व, अविद्यमानता. न होना अदि से है।
कई बार दोनों का प्रयोग लोग एक- दूसरे की ज़गह कर देते हैं लेकिन शब्दों में निहित भाव को समझ लिया जाये तो इसके प्रयोग में फिर त्रुटि नहीं होती है।
सूचना के अभाव में लोग सरकारी सुविधाओं को जान नहीं पाए।आतंकवाद को पूरी तरह ख़त्म करने में सरकार की इच्छा शक्ति की कमी के भी एक कारण है।