in Biology
edited
उत्सर्जन से आप क्या समझते हैं

1 Answer

0 votes

edited

उत्सर्जन 

हम अपचित भोजन को समय-समय पर मल के रूप में एवं मूत्र के द्वारा हानिकारक पदार्थों (यूरिया एवं यूरिक अम्ल) को शरीर से बाहर निकालते हैं। पसीना, मलमूत्र व कार्बन डाई-ऑक्साइड हमारे शरीर में अपशिष्ट पदार्थ हैं। इसी प्रकार शरीर की कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार की जैव रासायनिक क्रियाएँ होती रहती हैं जिनके फलस्वरूप कुछ अपशिष्ट पदार्थ बनते हैं। ये अपशिष्ट पदार्थ हमारे शरीर के लिए विषैले होते हैं। अतः इन्हें शरीर से बाहर निकालना अत्यन्त आवश्यक होता है।

कोशिकाओं में निर्मित अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। उत्सर्जन में सहयोग करने वाले सभी अंग मिलकर उत्सर्जन तन्त्र का निर्माण करते हैं। मानव में दो वृक्क, मूत्रवाहिनियाँ, मूत्राशय एवं मूत्रमार्ग मिलकर उत्सर्जन तन्त्र का निर्माण करते हैं। रक्त में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों को अलग करने का कार्य दोनों वृक्कों में होता है। जल में घुले हुए ये अपशिष्ट मूत्र के रूप में मूत्रवाहिनियों द्वारा मूत्राशय में आते हैं। मूत्राशय से एक पेशीय नली जुड़ी होती है। इसे मूत्रमार्ग कहते हैं। मूत्रमार्ग | एक छिद्र द्वारा शरीर से बाहर खुलता है जिसे मूत्ररन्ध्र कहते 1 हैं। मूत्राशय से मूत्र, मूत्रमार्ग में होता हुआ मूत्ररन्ध्र द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।

Related questions

Category

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...