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किण्वन की परिभाषा लिखिए।

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किण्वन 

प्रत्येक प्रकार का श्वसन (अनॉक्सी या ऑक्सी श्वसन) ग्लूकोज से प्रारम्भ होता है और इसमें ग्लाइकोलिसिस (glycolysis) क्रिया के द्वारा पाइरुविक अम्ल (pyruvic acid) का निर्माण होता है। निम्न श्रेणी के अनेक जीवों; जैसे-कुछ जीवाणुओं, यीस्ट (yeast) अन्य कवकों (fungi) आदि अवायव जीवों (anaerobs) में अनॉक्सीश्वसन के द्वारा ही ऊर्जा उत्पन्न होती है। चूंकि इस क्रिया में प्रायः
ऐल्कोहॉल (alcohol) उत्पन्न होता है, अत: इस (अनॉक्सीश्वसन) को ऐल्कोहॉलिक किण्वन (alcoholic fermentation) भी कहते हैं। किण्वन का अध्ययन सबसे पहले सन् 1870 में पाश्चर (Pasteur) ने किया था। अधिकतर उन सूक्ष्म पौधों में जिनमें श्वसन होता है इससे सम्बन्धित सभी एन्जाइम एक जटिल समूह के रूप में रहते हैं; जैसे—यीस्ट में यह जाड़मेज (ymase) कहलाता है। दूसरे जीवों में अन्य एन्जाइम की उपस्थिति के कारण अन्य प्रकार की अभिक्रियाओं के फलस्वरूप एथिल एल्कोहॉल के स्थान पर अन्य यौगिक बनते हैं; जैसे-ऐसीटिक अम्ल, लैक्टिक अम्ल, ब्यूटाइरिक अम्ल, साइट्रिक अम्ल, ऑक्सेलिक अम्ल आदि। ये सम्पूर्ण क्रियाएँ किण्वन (fermentation) कहलाती हैं तथा उत्पाद के नाम पर जानी जाती हैं। उच्च श्रेणी के पौधों तथा जन्तुओं में अनॉक्सीश्वसन केवल थोड़े
समय के लिये ही होता है। इसके पश्चात् कम ऊर्जा उत्पन्न होने तथा विषैले पदार्थ इत्यादि एकत्र होने के कारण कोशिकाओं की मृत्यु होने लग जाती है।

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