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Pratham Singh in इतिहास
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इस वंश का पहला शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था जिसे मुहम्मद गौरी पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद नियुक्त किया था। इस वंश के संस्थापक गुलाम थे, ये राजा नहीं थे। इसलिये इसे राजवंश ...

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Deva yadav
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गुलाम वंश

गुलाम वंश की स्थापना कुतबुद्दीन ऐबक ने की थी। इसे मामलूक वंश अथवा दास वंश के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान भारत में वृहत स्तर पर इस्लामिक शासन की स्थापना हुई। मुहम्मद गौरी ने उत्तर भारत के क्षेत्रों को जीतकर वहां पर कुतबुद्दीन ऐबक को गवर्नर नियुक्त किया था, तत्पश्चात मुहम्मद गौरी गजनी लौट गया था। गौरी की मृत्यु के बाद कोई उत्तराधिकारी न होने के कारण भारतीय क्षेत्रों पर कुतबुद्दीन ऐबक का अधिकार स्थापित हो गया और उसने स्वतंत्रता से शासन किया।

कुतबुद्दीन ऐबक (1206-10 ईसवी)

  • मुहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद कुतबुद्दीन ऐबक के हाथ में उत्तर भारत के क्षेत्रों का नियंत्रण आ गया। वह गुलाम वंश का प्रथम शासक था। कुतबुद्दीन 1206 ईसवी में स्वतंत्र शासक बना, उसकी राजधानी लाहौर में स्थित थी। कुतबुद्दीन ऐबक की दयाशीलता के कारण उसे ‘लाख बख्श’ भी कहा जाता था।
  • कुतबुद्दीन ऐबक ने अस्थायी रूप से मुल्तान के नसीरुद्दीन क़बाचा और गजनी के ताजुद्दीन यिल्दोज़ के विद्रोह का दमन किया। उसने उत्तरी भारत के क्षेत्रों पर अपने नियंत्रण को सुदृढ़ किया।
  • कुतबुद्दीन ऐबक ने अपने शासन काल में कई महत्वपूर्ण कार्य किये। उसने दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम नामक मस्जिद का निर्माण करवाया। अजमेर में कुतबुद्दीन ऐबक ने अढ़ाई दिन का झोम्पड़ा नामक मस्जिद का निर्माण करवाया। उसने सूफी संत ख्वाज़ा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के सम्मान में दिल्ली में प्रसिद्ध कुतुबमीनार का निर्माण कार्य भी शुरू करवाया था।
  • कुतबुद्दीन ऐबक ने हसन निजामी और फक्र-ए-मुदब्बिर को संरक्षण प्रदान किया, वह साहित्य का संरक्षक था। कुतबुद्दीन ऐबक की मृत्यु 1210 ईसवी में लाहौर में चौगान (पोलो) खेलते हुए घोड़े से गिर जाने के कारण हुई थी। उसे लाहौर के निकट अनारकली बाज़ार में दफनाया गया था।

शमसुद्दीन इल्तुतमिश (1211-36 ईसवी)

कुतबुद्दीन ऐबक के बाद उसका पुत्र आरामशाह सुल्तान बना, परन्तु वह अयोग्य शासक था। कुछ समय तक शासन करने के बाद बदायूं के गवर्नर शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने आरामशाह को पद से हटाया और स्वयं सुल्तान बन गया। इल्तुतमिश, कुतबुद्दीन ऐबक का दास व दामाद था। इल्तुतमिश को दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। उसने गुलाम वंश के साम्राज्य को सुदृढ़ बनाया। उसने मुल्तान और बंगाल पर विजय प्राप्त की थी।

गुलाम वंश के शासक

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. आरामशाह – कुतुबुद्दीन ऐबक का उत्तराधिकारी उसका अनुभवहीन व अयोग्य पुत्र आरामशाह था, किन्तु इल्तुतमिश ने इसे अपदस्थ करके सिंहासन पर अधिकार कर लिया।
  3. इल्तुतमिश
  4. रुक्नुद्दीन फिरोजशाह (1236 ई. ) – इल्तुतमिश के बाद उसका पुत्र रुक्नुद्दीन फिरोजशाह गद्दी पर बैठा । उसकी माता शाह तुर्कान दासी ती। मुस्लिम सरदारों ने शाह तुर्कान और रुक्नुद्दीन फिरोज की हत्या कर दी।
  5. रजिया सुल्तान
  6. बहरामशाह
  7. मसूदशाह
  8. नासिरुद्दीन महमूद
  9. बलबन
  10. कैकुबाद तथा क्यूमर्श

इसी समय चंगेज खाँ के नेतृत्व में भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र पर मंगोलों का आक्रमण भी हुआ।

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