गोलीय दर्पण
गोलीय दर्पण उस खोखले गोले का भाग होता है जिसके एक तल उभरा हुआ तथा दूसरा तल दबा हुआ हेाता है। इसमे एक सतह को चांदी अथवा पारे से पालिश कर दिया जाता है जिससे दूसरी सतह चमकदार हो जाती है। गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते है।
1 अवतल दर्पण
अवतल दर्पण उस दर्पण को कहते है जिसमे परावर्तन सतह का मध्य भाग अन्दर की ओर दबी हुयी होती है।इसे अभिसारी दर्पण भी कहते है।
2 उत्तल दर्पण
उत्तल दर्पण उसे कहते है जिसमे परार्वन सतह का मध्य भाग बाहर की ओर उभरी हुयी होती है।इसे अपसारी दर्पण भी कहते है ।