ऐसी अवस्था जिसमें पदार्थ जंतु झिल्ली में विसरित नही होते और फिल्टर पेपर में से हो सकते है कोलॉइड अवस्था कहलाती है थॉमस ग्राहम ने 1861 में ये प्रयोग किये और कोलॉइड के बारे में समझाया था
इनके कणों के आकार 1 से 1000 nm होता है
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