रक्षी कोलॉइड
जब किसी द्रव-विरोधी कोलॉइडी विलयन में वैद्युत-अपघट्य का विलयन मिलाने से पूर्व द्रव-स्नेही कोलॉइडी विलयन की कुछ मात्रा को डाला जाता है, तो द्रव-विरोधी कोलॉइड का स्कन्दन रुक जाता है अर्थात् उसका स्थायित्व बढ़ जाता है। यह प्रक्रम रक्षण (protection) कहलाता है। वे द्रव-स्नेही कोलॉइड, जिन्हें डालने पर द्रव-विरोधी कोलॉइडों का स्कन्दन से स्थायित्व बढ़ जाता है, रक्षी कोलॉइड कहलाते हैं और इस प्रकार प्राप्त द्रव-विरोधी कोलॉइडी विलयन, रक्षित (रक्षी ) कोलॉइड कहलाते हैं; जैसे—गोल्ड के कोलॉइडी विलयन में यदि सोडियम क्लोराइड का विलयन मिला दिया जाए तो यह स्कन्दित हो जाता है, किन्तु इस कोलॉइडी विलयन में यदि जिलेटिन की अल्प- मात्रा डाल दी जाए तो NaCl विलयन द्वारा स्कन्दन रुक जाता है। इस प्रकार जिलेटिन यहाँ एक रक्षी कोलॉइड के रूप में कार्य करता है।