ब्रह्मांड में 100 बिलियन से भी अधिक आकाशगंगा है। इसमें से 10 बिलियन आकाशगंगाओं को दूरबीन से देखा जा सकता है तथा प्रत्येक मंदाकिनी में लगभग 10,000 मिलियन तारे होते हैं। हमारी पृथ्वी की एक मंदाकिनी है जिसे दुग्ध मेखला कहते हैं। पृथ्वी से देखने से यह आकाश में बहती प्रकाश की एक नदी के समान प्रतीत होती है जिसे भारत में 'स्वर्ग गंगा' या 'आकाशगंगा' कहते हैं। मंदाकिनी जिसमें सूर्य स्थित है दुग्ध मेखला कहलाती है। अन्य मंदाकिनियों में प्रमुख हैं वृहद् मैंगलेनिक मेघ अर्सा माइनर सिस्टम, ड्रेको सिस्टम, एंड्रोमेडा, फार्मेक्स सिस्टम, मेफिस आदि।इस आकाशगंगा का विस्तार 1 लाख प्रकाश वर्ष तथा केंद्र में इसकी मोटाई लगभग 5,000 प्रकाश वर्ष है। हमारा सौरमंडल आकाशगंगा के केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष दूर है तथा सूर्य दो सर्पिल भुजाओं के मध्य स्थित है तथा आकाशगंगा के केंद्र से 285 किलोमीटर प्रति सेकंड की चाल से घूमता है और उसका एक चक्कर 224 x 106 वर्ष में पूरा करता है। इस आकाशगंगा में लगभग 400 अरब तारे हैं, तथा इसका कुल द्रव्यमान लगभग 2.6 x 1041 किलोग्राम है।