अशुद्ध द्रव्य
मिश्रण- दो या अधिक तत्वों के असमान मात्रा में या असमान अनुपात में संयोजन होने से जो एक पदार्थ या तत्व निर्मित होता है, उसे मिश्रण कहा जाता है।
इस प्रकार तत्वों के अनुपातिक संयोजन व तत्वों के असमानुपातिक मिश्रण आदि में द्रव्य को वर्गीकृत किया गया है।
वर्तमान समय तक 115 तत्वों को खोजा जा चुका है। इन तत्वों में 92 तत्व ऐसे है जो प्राकृतिक देन है और बाकी के तत्व अप्राकृतिक रूप से निर्मित किये गए हैं।
पहले द्रव्य की अवस्थाओं को तीन भागों में विभाजित किया गया था। इसमें थे- ठोस, द्रव, गैस। परन्तु अभी बीते कुछ वर्षों के अध्ययन से प्लाज़्मा को भी द्रव्य रूप में माना जाने लगा है
अतः द्रव्य के अन्तर्गत आते हैं- ठोस, द्रव, गैस व प्लाज़्मा।
महर्षि कणाद के अनुसार किसी द्रव्य को विभाजित करने से वह छोटे-छोटे अणुओं में विभक्त हो जाता है, ये अणु जिन सूक्ष्म कणों से बने होते हैं, उन्हें परमाणु कहते हैं। परमाणु का विभाजन सम्भव नहीं है।
भौतिकशास्त्री जॉन डॉल्टन द्वारा यह विचारधारा रखी गयी कि द्रव्य छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है। इन कणों को परमाणु कहते हैं तथा इनको विभाजित नहीं किया जा सकता।
बाद में जे.जे.थॉमसन व रदरफोर्ड द्वारा यह विचार प्रस्तुत किया गया कि परमाणु का विभाजन किया जाना सम्भव है। परमाणु का निर्माण इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन व न्यूट्रॉन से मिलकर होता है।