क्षार धातुओं की रासायनिक अभिक्रियाशीलता
क्षार धातुएँ बहुत अभिक्रियाशील तत्व हैं, क्योंकि इन धातुओं की ऊर्ध्वपातन ऊष्माएँ (heat of sublimation).और इनके आयनन विभव (l1) बहुत नीचे हैं। इनकी सक्रियता आयनन विभव घटने के साथ बढ़ती है(Li→ Cs)। वायु में रखने पर क्षार धातुओं की धात्विक चमक (metallic lustre) शीघ्रता से मलिन (tarmish) हो जाती है, क्योंकि धातु की सतह पर धातु ऑक्साइड की परत (film) जम जाती है। वायु एवं जल द्वारा सुगमता से ऑक्सीकृत हो जाने के कारण क्षार धातुओं को मिट्टी के तेल में रखते हैं। क्षार धातु (M) अधिकांश अधातुओं के साथ सीधी अभिक्रिया करते हैं। नाइट्रोजन के साथ केवल लीथियम सीधे अभिक्रिया करता है।
लीथियम को ऑक्सीजन के साथ 200°C पर गर्म करने पर लीथियम मोनॉक्साइड, Li2O, बनता है। लीथियम केवल मोनॉक्साइड बनाता है। सोडियम, पोटैशियम व उच्च परमाणु क्रमांक के अन्य क्षार धातु ऑक्सीजन के साथ बहुत शीघ्रता से अभिक्रिया करते हैं। ये धातु वायु या ऑक्सीजन में जलते हैं। सोडियम Na2O और Na2O2(सोडियम परॉक्साइड) का मिश्रण बनाता है। सोडियम धातु को शुष्क शुद्ध ऑक्सीजन गैस की धारा में 300°C पर गर्म करने पर हल्के पीले रंग का ठोस सोडियम परॉक्साइड बनता है।
2Na+O2→Na2O2