स्वेस महोदय ने पृथ्वी की आन्तरिक संरचना को रासायनिक तत्त्वों के आधार पर निम्नलिखित तीन परतों में विभाजित किया है
1. सिायल- पृथ्वी की ऊपरी पतली परत जो भूपर्पटी के नीचे पाई जाती है, सिलिका (Si) तथा ऐलुमिनियम (Al) की अधिकता से बनी है। इन पदार्थों के मिश्रण के कारण इसे सियाल कहा जाता है। इस परत में अम्लीय पदार्थों की प्रधानता पाई जाती है।
2. सिमा- सियाल के नीचे ‘सिमा’ परत पाई जाती है। इस परत में सिलिका (Si) तथा मैग्नीशियम (Mg) तत्त्वों की अधिकता होती है, इसी कारण इस परत को सिमा कहा जाता है। यही वह परत है. जो ज्वालामुखी क्रिया को जन्म देती है। इस परत में क्षारीय पदार्थों की प्रधानता होती है। इस परत में कैल्शियम, मैग्नीशियम तथा सिलिकेट भी अधिक उपलब्ध होते हैं। सीमा का घनत्व 2.9 से 4.7 तक पाया जाता है।
3. निफे- यह ‘सिमा’ के नीचे की अन्तिम परत है। इसका निर्माण कठोर धात्विक पदार्थों मुख्यतः निकिल (Ni) तथा फेरस (Fe) तत्त्वों से जुड़ा हुआ है अतः इन्हीं रासायनिक संरचना संघुटन के कारण यह निफे कहलाती है। इस परत को औसत घनत्व 11 है।