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रेडॉक्स अभिक्रिया की व्याख्या एक उदाहरण सहित कीजिए।

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रेडॉक्स अभिक्रिया

परमाणु या आयन जिस अभिक्रिया में इलेक्ट्रॉन त्यागता है, उसे ऑक्सीकरण और जिसमें इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है, उसे अपचयन कहते हैं। ऑक्सीकरण तथा अपचयन क्रियाएँ साथ-साथ चलती हैं क्योंकि जब कोई परमाणु या आयन एक इलेक्ट्रॉन त्यागेगा तो उसको ग्रहण करने वाला कोई अन्य परमाणु या आयन ही होगा अर्थात् जब किसी अभिक्रिया में एक पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है। तो दूसरे किसी अन्य पदार्थ का अपचयन भी होता है। स्पष्ट है कि ऑक्सीकरण व अपचयन क्रियाएँ साथ-साथ होती हैं। इन ऑक्सीकरण व अपचयन अभिक्रियाओं को सम्मिलित रूप से ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया या रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरणार्थ-
2HgCl2 + SnCl2 → Hg2Cl2 + SnCl4
उपर्युक्त अभिक्रिया में HgCl2 का Hg2Cl2 में अपचयन होता है और HgCl2, SnCl2 को SnCl4 में ऑक्सीकृत कर देता है।

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