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शून्य कोटि की अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं?

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शून्य कोटि की अभिक्रिया 

वह अभिक्रिया जिसकी प्रगति में अभिकारक के किसी भी अणु का सान्द्रण परिवर्तित नहीं होता है अर्थात् जिसका वेग अभिकारक के सान्द्रण पर निर्भर नहीं करता है, शून्य कोटि की अभिक्रिया कहलाती है।
A → B+ C
यदि इसका वेग ∝[A]0 हो, तो यह शून्य कोटि की अभिक्रिया होगी।
उदाहरणार्थ- सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में H2 व Cl2 का संयोग
UP Board Solutions for Class 12 Chapter 4 Chemical Kinetics 4Q.9.2
शून्य कोटि के वेग स्थिरांक का व्यंजक – शून्य कोटि की अभिक्रिया के वेग स्थिरांक का व्यंजक x = kt है।
जहाँ x अभिकारक A की वह मात्रा है जो t समय में अभिक्रिया करती है और है अभिक्रिया का वेग स्थिरांक है।

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