प्रथम कोटि की अभिक्रिया
वह अभिक्रिया जिसका वेग केवल एक अभिकारक की सान्द्रता के अनुक्रमानुपाती होता है, प्रथम कोटि की अभिक्रिया कहलाती है। उदाहरणार्थ-निम्नलिखित अभिक्रिया में केवल शक्कर के अणुओं की सान्द्रता परिवर्तित होती है; अत: यह प्रथम कोटि की अभिक्रिया है।
प्रथम कोटि की अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है –
जहाँ a अभिकारक की प्रारम्भिक सान्द्रता तथा (a – x ) समय t पर सान्द्रता है।