जल-अपघटने
शुद्ध जल उदासीन होता है, क्योंकि यह OH– तथा H3O+ आयनों का सन्तुलित मिश्रण होता है।
H2O+ H2O ⇌ H3O+ +OH–
जब जल में कोई लवण मिला देते हैं तो H3O+ तथा OH– आयनों का सन्तुलन बिगड़ जाता है। फलस्वरूप विलयन अम्लीय या क्षारीय हो जाता है। इस परिघटना को जल-अपघटन कहा जाता है। अतः वह अभिक्रिया जिसमें एक लवण जल से अभिकृत होकर अम्लीय या क्षारीय विलयन उत्पन्न करता है, जल-अपघटन कहलाती है।
NaCl, CuSO4,व KNO3 में CuSO4 का जल-अपघटन होगा, जो निम्न प्रकार होगा-
यहाँ H2SO4 का अधिक आयनन होता है जिसके फलस्वरूप विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता अधिक रहती है। अतः CuSO4 का जलीय विलयन अम्लीय होता है।