क्षारीय बफर विलयन की क्रिया-विधि
माना कि एक क्षारीय प्रतिरोधक विलयन NH4OH तथा इसके लवण NH4CI के मिश्रण से बनाया जाता है। इस प्रतिरोधक विलयन में NH4OH कम आयनित होने के कारण कम OH– आयन उत्पन्न करता है। इसके अतिरिक्त NH4Cl द्वारा उत्पन्न NH+4, आयनों के कारण NH4OH का आयनन और भी कम हो जाता हैं (सम-आयन प्रभाव)।
अब यदि इस विलयन में N/10 NaOH विलयन मिलाते हैं तो NaOH द्वारा उत्पन्न OH– आयन NH+4 आयन के साथ संयोग करके NH4OH बनाता है जो कि कम आयनित होता है। इस प्रकार, विलयन में OH– आयनों की सान्द्रता नहीं बढ़ती है और विलयन का pH मान स्थिर रहता है।