प्रतिरोधक विलयन
ऐसा विलयन जिसकी अम्लीयता या क्षारीयता आरक्षित होती है, प्रतिरोधक (बफर) विलयन कहलाता है अर्थात् वह विलयन जिसमें अल्प-मात्रा में अम्ल या क्षार मिलाने पर pH मान अपरिवर्तित रहता है, प्रतिरोधक (बफर) या उभय प्रतिरोधी विलयन कहलाता है। यह विलयन दो प्रकार का होता है-
- अम्लीय प्रतिरोधक—यह दुर्बल अम्ल तथा उसी अम्ल के किसी प्रबल क्षार के साथ बने हुए लवण के विलयनों का मिश्रण होता है; जैसे-CH3COOH तथा CH3COONa का मिश्रण।।
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क्षारकीय प्रतिरोधक—यह दुर्बल क्षार तथा उसी क्षार के किसी प्रबल अम्ल के साथ बने हुए लवण के विलयनों का मिश्रण होता है; जैसे-NH4OH तथा NH4Cl का मिश्रण।