हाइड्रोजन अणु के विरचन में जब H-परमाणु न्यूनतम ऊर्जा अवस्था में होते हैं तो ऐसे में वे एक-दूसरे के इतने पास पहुँच जाते हैं कि उनके कक्षक एक-दूसरे में प्रवेश कर जाते हैं। इस परिघटना को परमाणु कक्षकों का अतिव्यापन कहते हैं।
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