हैलोजेनों में अल्प आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी, उच्च विद्युत ऋणात्मकता तथा अधिक ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी के कारण इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके अपचयित होने की प्रबल प्रवृत्ति होती है।
X + e– → X–
अत: हैलोजेन प्रबल ऑक्सीकरण कर्मक या ऑक्सीकारक होते हैं। यद्यपि इनकी ऑक्सीकारक क्षमता F2 से I2 तक घटती है जैसा कि इनके इलेक्ट्रोड विभवों से सत्यापित होता है –
इसलिए F2 प्रबलतम तथा I2 दुर्बलतम ऑक्सीकारक होता है।