जनक परमाणुओं से एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों के निकलने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है। इस प्रकार बचे हुए इलेक्ट्रॉन अधिक नाभिकीय आकर्षण का अनुभव करते हैं। परिणामस्वरूप त्रिज्या घटती है। इसी कारण धनायन की त्रिज्या उनके जनक परमाणु से छोटी होती है। दूसरी ओर, जनके परमाणुओं में एक या अधिक इलेक्ट्रॉन बढ़ने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता है। इस प्रकार, इलेक्ट्रॉन कम नाभिकीय आकर्षण या खिंचाव अनुभव करते हैं। परिणामस्वरूप त्रिज्या बढ़ती है। इसी कारण से ऋणायनों की त्रिज्या उनके जनक परमाणुओं की त्रिज्या से अधिक होती है।