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n- प्रकार के अर्द्धचालक से आप क्या समझते हैं

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 n- प्रकार के अर्द्धचालक 

सिलिकन तथा जर्मेनियम आवर्त सारणी के वर्ग 14 से सम्बन्धित हैं और प्रत्येक में चार संयोजक इलेक्ट्रॉन हैं। क्रिस्टलों में इनका प्रत्येक परमाणु अपने निकटस्थ परमाणुओं के साथ चार सहसंयोजक बन्ध बनाता है । जब वर्ग 15 के तत्व; जैसे- P अथवा As, जिनमें पाँच संयोजक इलेक्ट्रॉन होते हैं, को अपमिश्रित किया जाता है तो ये सिलिकन अथवा जर्मेनियम के क्रिस्टल में कुछ जालक स्थलों में आ जाते हैं । P अथवा As के पाँच में से चार इलेक्ट्रॉनों का उपयोग चार सन्निकट सिलिकन परमाणुओं के साथ चार सहसंयोजक बन्ध बनाने में होता है। पाँचवाँ अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन विस्थानित (delocalised) हो जाता है। यह विस्थानित इलेक्ट्रॉन अपमिश्रित सिलिकन (अथवा जर्मेनियम) की चालकता में वृद्धि करता है। यहाँ चालकता में वृद्धि ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन के कारण होती है, अत: इलेक्ट्रॉन-धनी अशुद्धि से अपमिश्रित सिलिकन को n-प्रकार का अर्द्धचालक कहा जाता है।

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