p- प्रकार के अर्द्धचालक
सिलिकन अथवा जर्मेनियम को वर्ग 13 के तत्वों; जैसे- B, Al अथवा Ga के साथ भी अपमिश्रित किया जा सकता है जिनमें केवल तीन संयोजक इलेक्ट्रॉन होते हैं। वह स्थान जहाँ चौथा इलेक्ट्रॉन नहीं होता, इलेक्ट्रॉन रिक्ति या इलेक्ट्रॉन छिद्र कहलाता है निकटवर्ती परमाणु से इलेक्ट्रॉन आकर इलेक्ट्रॉन छिद्र को भर सकता है, परन्तु ऐसा करने पर वह अपने मूल स्थान पर इलेक्ट्रॉन छिद्र छोड़ जाता है। यदि ऐसा हो तो यह प्रतीत होगा जैसे कि इलेक्ट्रॉन छिद्र जिस इलेक्ट्रॉन द्वारा यह भरा गया है, उसके विपरीत दिशा में चल रहा है। विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में इलेक्ट्रॉन, इलेक्ट्रॉन छिद्रों में से धनावेशित प्लेट की ओर चलेंगे, परन्तु ऐसा प्रतीत होगा; जैसे इलेक्ट्रॉन छिद्र धनावेशित हैं और ऋणावेशित प्लेट की ओर चल रहे हैं। इस प्रकार के अर्द्धचालकों को p- प्रकार के अर्द्धचालक कहते हैं।