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फ्रेंकेल दोष से आप क्या समझते हैं

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फ्रेंकेल दोष 

यह दोष आयनिक ठोसों द्वारा दिखाया जाता है। लघुतर आयन (साधारणतया धनायन) अपने वास्तविक स्थान से विस्थापित होकर अन्तराकाश में चला जाता है। यह वास्तविक स्थान पर रिक्तिका दोष और नए स्थान पर अन्तराकाशी दोष उत्पन्न करता है। फ्रेंकेल दोष को विस्थापन दोष भी कहते हैं। यह ठोस के घनत्व को परिवर्तित नहीं करता। फ्रेंकेल दोष उन आयनिक पदार्थ द्वारा दिखाया जाता है जिनमें आयनों के आकार में अधिक अन्तर होता है। उदाहरण के लिए– ZnS, AgCl, AgBr और AgI में यह दोष Zn2+ और Ag+ आयन के लघु आकार के कारण होता है।

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