सल्तनत काल में उद्योग एवं व्यापार
सल्तनत काल में व्यापार का विकास आरम्भ हुआ, जिससे शहर एवं शहरी जीवन का विकास हुआ। उस समय बंगाल एवं गुजरात के शहर कपड़े उद्योग एवं सोने-चाँदी के काम के लिए प्रसिद्ध थे। बंगाल के ढाका (बांग्लादेश) एवं सोना गाँव मलमल एवं कच्चे रेशम के लिए विख्यात थे। 13वीं -14वीं शताब्दी में वस्त्रों के निर्माण की तकनीकी मुसलमानों द्वारा भारत में लाए जाने वाले चरखे से हुई। इसका चलन आरम्भ होने से वस्त्रों के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ। उस काल में भारतीय वस्त्र चीन को निर्यात किए जाते थे। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार इस काल में जल एवं थल मार्ग के माध्यम से किया जाता था। भारत से चर्म एवं धातु से बनी वस्तुएँ तथा फारसी डिजाइन वाले गलीचे निर्यात होते थे।