सन् 1935 ई० में अंग्रेजों ने भारतीयों को प्रसन्न करने के लिए सन् 1935 ई० का अधिनियम पारित किया। इसके अंतर्गत प्रांतों को कुछ सीमा तक स्वायत्ता प्रदान की गई थी। प्रांतों में प्रांतीय स्वायत्ता की व्यवस्था की गई। केंद्र में अखिल भारतीय संघ की स्थापना की गई। इस संघ में भारत के प्रांतों तथा देशी रियासतों (रजवाड़ों) को शामिल किया गया। यह भी व्यवस्था की गई कि केंद्र की विधायिका में देशी राजाओं द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि भी रहेंगे। अतः इस अधिनियम के अंतर्गत प्रांतों की सरकार गठित की गई।