घास क्षेत्र एवं वृक्षों की कम संख्या मिलने के कारण जन्तुओं में गतिशीलता अधिक होती है। इसी कारण से यहाँ पर बड़े आकार के स्तनधारी जन्तु जिराफ, गैंडा और हाथी मिलते हैं। इन घास भूमियों में चीता और शेर जैसे मांसाहारी जन्तु बड़ी संख्या में रहते हैं। ये मांसाहारी जन्तु जेब्रा और हिरन जैसे शाकाहरी जन्तुओं का शिकार करते हैं। पहले इन जानवरों का खूब शिकार किया जाता था, इसीलिए इन घास भूमियों को शिकार-भूमि भी कहा जाता है।