मित्र देशों (इंग्लैण्ड, फ्रांस और रूस) ने जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध में पराजित करने के बाद उसे वर्साय सन्धि नामक एक शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए विवश किया। इस सन्धि की शर्ते जर्मनी के लिए अत्यन्त अपमानजनक और कठोर थीं।
सन्धि के प्रमुख प्रावधान
- युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद के तहत युद्ध के कारण मित्र देशों को हुई हानि और सारी तबाही के लिए जर्मनी को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके एवज में उस पर छः अरब पौंड का जुर्माना लगाया गया।
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खनिज संसाधनों वाले राईनलैण्ड पर भी बीस के दशक में ज्यादातर मित्र राष्ट्रों का ही कब्जा रहा।
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जर्मनी को अपने समुद्र पार के उपनिवेश, 13 प्रतिशत भू-भाग, 75 प्रतिशत लौह-भण्डार, 26 प्रतिशत कोयला भण्डार फ्रांस, पोलैण्ड, डेनमार्क और लिथुआनिया के हवाले करने पड़े।
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जर्मनी की रही-सही ताकत खत्म करने के लिए मित्र राष्ट्रों ने उसकी सेना भी भंग कर दी।