समुद्री लहरों के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण तथ्य
- सुनामी लहरें अत्यधिक शक्तिशाली होती हैं। इनकी भयावह शक्ति से कई टन वजन की विशाल चट्टान, नौका तथा अन्य प्रकार का मलबा मुख्य भूमि में कई मीटर अन्दर पॅस जाता है।
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तटवर्ती मैदानी इलाकों में सुनामी की गति 50 किमी प्रति घण्टा हो सकती है।
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कुछ सुनामी लहरों की गति वृहदाकार होती है। तटीय क्षेत्रों में इनकी ऊँचाई 10 से 30 मीटर तक हो सकती है।
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समुद्री लहरें एक के बाद एक आती रहती हैं। प्रायः पहली लहर इतनी विशाल नहीं होती। पहली लहर आने के बाद कई घण्टों तक आने वाली लहरों का खतरा बना रहता है। कभी-कभी समुद्री लहरों के कारण समुद्र तट का पानी घट जाता है और समुद्र तल नजर आने लगता है। इसे प्रकृति | की ओर से सुनामी आने की चेतावनी समझना चाहिए।
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ये लहरें दिन या रात में कभी भी आ सकती हैं। जलधाराओं या समुद्रों में मिलने वाली नदियों में प्रवेश करने पर सुनामी लहरें उफान पैदा कर देती हैं।
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भूकम्प के कारण उत्पन्न समुद्री लहरें कई सौ किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से तट की ओर दौड़ती हैं और भूकम्प आने के कई घण्टों बाद ही तट तक पहुँचती हैं।
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गहरे समुद्र में सुनामी लहरों की उत्पत्ति के समय समुद्र में कोई हलचल न होने के कारण ये दिखाई नहीं देतीं। उत्पत्ति के समय इन लहरों की लम्बाई 100 किमी तक होने के बावजूद बीच समुद्र में ये लहरें बहुत ऊँची नहीं उठतीं और कई सौ किमी की रफ्तार से दौड़ती हैं।
सुनामी लहरें अपनी इसी विशाल ऊर्जा के कारण बड़ी तेज रफ्तार से सागर तक पहुँचने में सक्षम होती हैं। इनकी रफ्तार समुद्र की गहराई के साथ बढ़ती जाती है, जबकि उथले सागर में रफ्तार कम होती है। यही कारण है कि समुद्र तट के पास पहुँचने पर सागर की गहराई अचानक कम होने पर लहरों की रफ्तार कम हो जाती है, परन्तु पीछे से तेजी से आती लहरें एक के ऊपर एक सवार होकर लहरों की ऊँची दीवार बना देती हैं। इसी ऊँचाई और ऊर्जा का घातक मेल सागर तटों पर तबाही का कारण बनता है।