भारत की सीमाओं का वर्णन इस प्रकार है
1. चीन से लगने वाली उत्तरी सीमा–भारत की उत्तरी सीमा चीन, नेपाल तथा भूटान देशों से मिलती है। यहाँ हिमालय पर्वतमाला एक प्राकृतिक सीमारेखा के रूप में कार्य करता है। भारत चीन के मध्य की सीमा को मैकमोहन रेखा कहते हैं जो सिक्किम राज्य से म्यांमार की सीमा तक 4,248 किमी लम्बी है। सामरिक दृष्टि से यह सीमारेखा बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।
2. पाकिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा-भारत की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से मिलती है, जो अप्राकृतिक है तथा जिसकी लम्बाई 1,120 किमी है। भारत के अनुसार, राजस्थान, पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर राज्यों की सीमाएँ पाकिस्तान को पृथक् करती हैं।
3. बांग्लादेश तथा म्यांमार से लगने वाली सीमा-पूर्व की ओर भारत की सीमा बांग्लादेश से मिलती है, जो अप्राकृतिक है। इसके सीमान्त पर पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्य स्थित हैं। म्यांमार और भारत के मध्य हिमालय की अराकानयोमा पर्वत-श्रेणी है। इस सीमान्त पर अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर तथा मिजोरम राज्य स्थित हैं।
4. भारत की तटरेखा–भारत की तटरेखा पूर्व में बंगाल की खाड़ी से लेकर हिन्द महासागर के शीर्ष से होती हुई पश्चिम में कच्छ की खाड़ी (अरब सागर) तक विस्तृत है। अरब सागर में लक्षद्वीप मिनीकॉय एवं अमीनदीवी द्वीपसमूह तथा बंगाल की खाड़ी में अण्डमान-निकोबार द्वीपसमूह स्थित हैं। इस क्षेत्र में भारत की सीमा पाक जलडमरूमध्य द्वारा श्रीलंका से मिलती है। समीपवर्ती देशों से सम्पर्क स्थापित करने में भारत की भौगोलिक कठिनाइयाँ निम्नलिखित हैं
(i) भारत का उत्तरी भाग अत्यन्त ही दुर्गम है; अत: हिमालय पर्वतमाला के कारण केवल कुछ दर्रा मार्गों द्वारा ही इसे पार किया जा सकता है।
(ii) भारत की उत्तरी सीमा पर पाकिस्तान एवं चीन हैं। इन दोनों ही देशों से सामरिक खतरों के कारण इस संवेदनशील क्षेत्र में सम्पर्क स्थापित करना कठिन है।
(iii) विदेश नीति के कारण भी दुर्गम सीमान्त क्षेत्रों में सम्पर्क स्थापित करना कठिन है।