मानसून जलवायु की विशेषताएँ
इस जलवायु के अन्तर्गत भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, थाईलैण्ड, फिलीपीन्स, कम्बोडिया, चीन, ताइवान, अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तटीय भाग और ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी भाग सम्मिलित हैं। मानसूनी जलवायु प्रदेशों में उच्च तापमन पाया जाता है। सर्वाधिक तापमान ग्रीष्मकाल में अंकित किया जाता है। यहाँ वर्ष में तीन प्रकार के मौसम परिलक्षित होते हैं जो एक चक्र के रूप में पाए जाते हैं (मार्च से जून-ग्रीष्मकाल, जुलाई, से अक्टूबर–वर्षाकाल तथा नवम्बर से फरवरी-शीतकाल)। ग्रीष्मकाल का औसत तापमान 30° सेल्सियस, जबकि शीतकाल का औसत तापमान 10° से 15° सेल्सियस तक पाया जाता है। इसी कारण यहाँ तापान्तर अधिक पाया जाता है। तापमान पर महाद्वीपीयता का प्रभाव स्पष्ट दिखलाई पड़ता है। तटीय भागों में तापान्तर कम, जबकि आन्तरिक क्षेत्रों में तापान्तर अधिक पाया जाता है। भारत में इस जलवायु का प्रतिनिधि नगर कोलकाता है। उत्तरी भारत में ग्रीष्मकाल में गर्म पवने (लू) चलती हैं। भारत के आन्तरिक क्षेत्रों में तो तापमान 48° सेल्सियस तक अंकित किए जाते हैं, जबकि शीतकाल का तापमान 4° सेल्सियस तक गिर जाता है। मानसूनी वर्षा मुख्यतः पर्वतीय (Orographic) होती है। तटीय भागों में चक्रवातीय वर्षा तथा ग्रीष्मकाल के आरम्भ में सर्वाधिक वर्षा होती है। मानसूनी पवनें पर्वतों से टकराकर सम्मुख ढालों पर तीव्र वर्षा करती हैं। क्रमशः आन्तरिक भागों की ओर बढ़ने पर उनकी आर्द्रता कम होती जाती है, परन्तु वर्षा का वितरण एवं मात्रा असमान होती है
इस प्रदेश में वर्षा एवं तापमान विविधता के कारण वनस्पति में भी विविधता पाई जाती है। यहाँ सदापर्णी और पर्णपाती वन पाए जाते हैं। साल, शीशम, सागौन, जामुने तथा महुआ और विभिन्न प्रकार की झाड़ियाँ इस प्रदेश की प्रमुख वनस्पतियाँ हैं।