वैद्युत-चुम्बकीय प्रेरण
किसी चालक को किसी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उस चालक के सिरों के बीच विद्युतवाहक बल उत्पन्न होने को विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic induction) कहते हैं। उत्पन्न विद्युत्वाहक बल का मान गणितीय रूप से फैराडे का प्रेरण का नियम द्वारा दिया जाता है।
अथवा
जब किसी कुण्डली तथा चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति होती है तो कुण्डली में एक वि० वा० बल उत्पन्न हो जाता है, जिसे प्रेरित विद्युत वाहक बल कहते हैं। यदि कुण्डली एक बन्द परिपथ में है तो इस प्रेरित वि० वा० बल के कारण कुण्डली में वैद्युत धारा प्रवाहित होती है, जिसे प्रेरित धारा कहते हैं। इस घटना को वैद्युत-चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।