रेखीय स्पेक्ट्रम:
इस प्रकार के स्पेक्ट्रम में काली पृष्ठभूमि पर केवल कुछ चमकीली रंगीन रेखाएँ प्राप्त होती हैं। इन्हें स्पेक्ट्रमी रेखाएँ (spectrum lines) कहते हैं, जिनकी संख्या तथा तरंगदैर्घ्य केवल लिये गए तत्त्व (element) पर निर्भर करती है, किसी अन्य राशि पर नहीं।
अविरत या संतत स्पेक्ट्रम:
इस स्पेक्ट्रम में लाल रंग से लेकर बैंगनी तक सभी रंगों की सभी तरंगदैर्ध्य विद्यमान रहती हैं। इसमें सभी रंग एक सिरे से दूसरे सिरे तक एक बिना टूटी हुई पट्टी के रूप में उपस्थित रहते हैं, अर्थात् इन स्पेक्ट्रमों में यह बताना कठिन है कि एक रंग कहाँ समाप्त हो रहा है। और दूसरा रंग कहाँ से आरम्भ हो रहा है। पास-पास के रंग एक-दूसरे में इस प्रकार विलीन रहते हैं कि दो रंगों के बीच कोई निश्चित पृथक्कारी रेखा (line of separation) नहीं होती।