किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ के परमाणुओं से α- अथवा β- कण तथा γ-किरणें निकलती रहती हैं। इससे परमाणु का भार तथा क्रमांक बदल जाते हैं। इस प्रकार प्रारम्भिक रेडियोऐक्टिव परमाणु का क्षय हो जाता है तथा किसी नये तत्त्व के परमाणु का जन्म हो जाता है। इस घटना को रेडियोऐक्टिव क्षय कहते हैं।