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सूत्र स्थापना या व्युत्पन्न , महत्व , कूलाम नियम क्या है , कूलॉम का नियम , कुलाम का नियम किसे कहते है , सूत्र स्थापना , विमा :- परिभाषा

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चार्ल्स ऑगस्टिन कूलॉम के  नियम अनुसार ‚ दो बिंदु आवेशों के बीच लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल का मान उन आवेशों के गुणन फल के समानुपाती  होता है और उन दोनों आवेशों की बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानपाती होता है यह वल दोनों आवेशोंको मिलाने वाली रेखा क्ले अनुदिश होता हैं 

कूलॉम ने बताया की यह एक प्रायोगिक नियम है

  • और लगने वाला बल केन्द्रीय और संरक्षी बल है
  • बल न्यूटन  के गति के तीसरे नियम का पालन करता है

कूलॉम का नियम की सूत्र

मान लो दो बिंदु आवेश q1 और q2 है और इन दोनों आवेशों के बीच की दूरी r है तब

दो बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला बल∝पहला आवेश ×दूसरा आवेश

F∝q1×q2

F∝1/r2

तब इन दोनों को मिला कर कूलॉम के नियम का सूत्र बनता है

F∝q1×q2/r²

F=k×q1×q2/r²

जहाँ k एक constant है जिसका मान 1/4πε0 होता हैं 


कूलॉम के नियम की सीमाएँ

  • कूलॉम का नियम विन्दु आवेश  के लिए है
  • static electricity में स्थिर आवेशों के लिए कूलॉम का नियम है
  • कूलॉम का नियम के लिए आवेशों के बीच की दूरी 10-15 m से ज्यादा होनी चाहिए

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