जब विरूपक बल का मान प्रत्यास्थता की सीमा से बाहर हो जाता है तो तार की लम्बाई में वृद्धि सदैव के लिए हो जाती है। विरूपक बेल और अधिक बढ़ाने पर एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि विरूपक बल का मान एक निश्चित मान से अधिक हो जाता है और तार टूट जाता है। विरूपक बले को वह मान जिस पर तार टूट जाता है, भंजक बल (breaking force) कहलाता है। अत: तार के अनुप्रस्थ काट के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला वह बल जिस पर तार टूट जाता है, भंजक प्रतिबल (breaking stress) कहलाता है।