कास्टिक सोडा को सोडियम हाइड्रॉक्साइड और लाई (Lye) के नाम से भी जाना जाता है। कास्टिक सोडा एक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (NaOH) होता है। इसके एक अणु में सोडियम का एक परमाणु, ऑक्सीजन का एक परमाणु और हाइड्रोजन का एक परमाणु होता है। यह अत्यधिक संक्षारक क्षार होता है जो सामान्य तापमान पर प्रोटीन को विघटित कर देता है।
कास्टिक सोडा सफ़ेद क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है। व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कास्टिक सोडा आमतौर पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड मोनोहाइड्रेट, NaOH·H2O होता है।
- सोडियम क्लोराइड के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा सोडियम हाइड्रॉक्साइड और क्लोरीन गैस बनती है।
- कास्टिक सोडा अत्यंत संक्षारक पदार्थ होता है, त्वचा के संपर्क में आने पर यह त्वचा को गंभीर रूप से जला सकता है, इसलिए इसका प्र्योग करते समय उचित दस्ताने और सावधानी उपकरणों का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
- कास्टिक सोडा से होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाएं अत्यधिक गर्मी और हानिकारक धुआं छोड़ती हैं, इसलिए इसका प्रयोग हमेशा ऐसे किसी खुले स्थान पर करना चाहिए जहाँ हवा का आवागमन अच्छा हो।
पानी और कास्टिक सोडा का मिश्रण बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हमेशा पानी में कास्टिक सोडा डालना चाहिए, कभी भी ठोस कास्टिक सोडा में पानी नहीं डालना चाहिए अन्यथा इससे विस्फोट हो सकता है और कास्टिक सोडा आसपास फैलकर गंभीर क्षति पंहुचा सकता है।
कास्टिक सोडा के गुण
कास्टिक सोडा पानी में अत्यधिक घुलनशील होता है, इसे पानी में घोलने पर एक्सोथर्मिक प्रतिक्रिया होती है जिससे मिश्रण तापमान बहुत बढ़ जाता है।
यह हवा से नमी, कार्बन डाई ऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड गैस को आसानी से अवशोषित कर लेता है।
कास्टिक सोडा अत्यंत संक्षारक पदार्थ होता है।
अपने शुद्ध रूप में कास्टिक सोडा एक रंगहीन, गंधहीन, क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है।
कास्टिक सोडा का घनत्व 2.13 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है।
इसका गलनांक 318 डिग्री सेल्सियस होता है, तथा इसका क्वथनांक (Boiling Point) 1388 डिग्री सेल्सियस होता है, इससे अधिक तापमान पर कास्टिक सोडा गैस अवस्था में पाया जाता है।
कास्टिक सोडा एक प्रबल क्षार होता है, जिसमे अम्ल के विपरीत गुण होते है।
एलुमिनियम, टिन और जिंक धातुओं से प्रतिक्रिया करके कास्टिक सोडा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है।
एसिड्स से प्रतिक्रिया करके कास्टिक सोडा न्यूट्रलाइस हो जाता है यह प्रतिक्रिया एक्सोथर्मिक होती है, जिसमे गर्मी उत्पन्न होती है।
कास्टिक सोडा के उपयोग
कास्टिक सोडा या सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग घरों और व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किए जाने वाले साबुन, विभिन्न प्रकार के डिटर्जेंट और ड्रेन क्लीनर के निर्माण के लिए किया जाता है।
क्लोरीन और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के संयोजन से क्लोरीन-ब्लीच का निर्माण किया जाता है।
फार्मासूटिकल उद्योग में कास्टिक सोडा का उपयोग कई तरह की दवाओं के निर्माण में किया जाता है, जैसे सामान्य दर्द निवारक दवाइयाँ, कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाइयां, शरीर में खून का थक्का जमने से रोकने वाली दवाइयां आदि।
पेयजल प्रणाली में जल शोधन करने के लिए तथा जल की अम्लीयता को सामान्य करने के लिए सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग किया जाता है।
कागज उद्योग में लकड़ी को उपचारित करने के लिए कास्टिक सोडा का उपयोग किया जाता है, यह लकड़ी में उपस्थित अवांछित सामग्री को अलग कर देता है, जिससे शुद्ध सैल्यूलोज प्राप्त किया जाता है, जो कागज बनाने के काम आता है।
कागज की रिसाइक्लिंग के दौरान पुराने कागज से स्याही को अलग करने और अन्य अशुद्धियों को हटाने के लिए कास्टिक सोडा का उपयोग किया जाता है।
कभी-कभी प्रयोगशालाओ में कास्टिक सोडा का उपयोग अभिकर्मक (Reagent) के रूप में किया जाता है।
एलुमिनियम अयस्क से शुद्ध एलुमिनियम प्राप्त करने ले लिए कास्टिक सोडा का उपयोग किया जाता है।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग फ्यूल सेल के निर्माण में किया जाता है।
टेक्सटाइल उद्योग के लिए रंग और डाई बनाने के लिए, सूती कपड़ो को प्रोसेस करने के लिए, लॉन्ड्रिंग और ब्लीचिंग के लिए कास्टिक सोडा का उपयोग किया जाता है।
धातुओं की सफाई, ऑक्साइड कोटिंग और इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए भी कास्टिक सोडा का उपयोग किया जाता है
सोडा लाइम बनाने के लिए कास्टिक सोडा का उपयोग किया जाता है।
विस्फोटकों के उत्पादन और पेट्रोलियम उत्पादों के शोधन के लिए भी कास्टिक सोडा का उपयोग किया जाता है।