"एक मुकुटधारी राजा को सदा धर्म की दृष्टि में रहकर शासन करना चाहिए" यह कथन कृष्णदेव राय का था। कृष्णदेव राय तुलुव वंश के वीर नरसिंह का अनुज था, जो 8 अगस्त, 1509 ई. को विजयनगर साम्राज्य के सिंहासन पर बैठा। उसके शासन काल में विजयनगर एश्वर्य एवं शक्ति के दृष्टिकोण से अपने चरमोत्कर्ष पर था। कृष्णदेव राय ने अपने सफल सैनिक अभियानों के अन्तर्गत 1509-1510 ई. में बीदर के सुल्तान महमूद शाह को 'अदोनी' के समीप हराया।