राजनीतिक स्वतंत्रता राष्ट्र की प्राणवायु है’ यह कथन अरविंद घोष का है। उनके अनुसार व्यक्तिगत स्वतंत्रता सभी प्रकार की स्वतंत्रता की पूर्व शर्त है लेकिन विदेशी शासन की मौजूदगी में इसे प्राप्त नहीं किया जा सकता और चूँकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से ही व्यक्ति में राष्ट्रीय चेतना का विकास होता है इसलिए इसके बिना अन्य दोनों स्वतंत्रताओं को भी प्राप्त नहीं किया जा सकता
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