संगम काल में राजा के जन्मदिन को पेरूनल कहा जाता था। राजा के सर्वोच्च न्यायालय या राज्यसभा को 'मनरम' कहते थे। राजा का जन्मदिन 'पेरूनल' कहलाता था। राजा के दरबार को 'नलबै' भी कहा जाता था। सेना के सेनापति को 'एनाडी' की उपाधि दी जाती थी। सेना कि अग्र टुकड़ी को तुशी तथा पिछली टुकड़ी को 'कुले' कहा जाता था।