मुगल काल में सूरत बंदरगाह को 'बाबुल मक्का' कहा जाता था | मुगलकालीन आर्थिक गतिविधियों में सूरत का एक बंदरगाह के रूप में महत्वपूर्ण स्थान था। इस बंदरगाह को मक्का द्वार कहा जाता था क्योंकि इसी बंदरगाह से मुसलमान हजयात्रा के लिए जाते थे। बतादें कि इस प्रकार के प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते है। जिसके उत्तरों भी कभी नहीं बदलते है। इसलिए अगर आप संघ एवं राज्य सिविल सेवा या राज्यस्तरीय किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है, तो इन्हें अच्छी तरह से याद कर लें। ताकि गलती की कोई संभावना न रहें।