डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने आजाद हिन्द फौज के अधिकारियों की अंग्रेजों के विरूद्ध मुकदमें में पैरवी नहीं की थी। आज़ाद हिन्द फौज का गठन पहली बार रासबिहारी बोस द्वारा 29 अक्टूबर 1915 को अफगानिस्तान में हुआ था। मूल रूप से उस वक्त यह आजाद हिन्द सरकार की सेना थी, जिसका लक्ष्य अंग्रेजों से लड़कर भारत को स्वतंत्रता दिलाना था।
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